राधा अष्टमी महोत्सव का आयोजन किया गया

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31 अगस्त, दिन रविवार को सांय 6:30 बजे से भिलाई के सेक्टर-६ अक्षय पात्र प्रांगण में स्थित, हरे कृष्णा मूवमेंट में राधा अष्टमी महोत्सव का आयोजन किया गया । राधा अष्टमी कृष्ण जी की प्रिया श्रीमती राधारानी के आविर्भाव की पावन तिथि है। श्रीमती राधा रानी का जन्मोत्सव भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी के पंद्रह दिन बाद जन्माष्टमी की तरह राधाअष्टमी का त्योहार भी भिलाई के हरे कृष्णा मंदिर में बड़े जोर-शोर के साथ मनाया गया।

राधा रानी के पिता नाम वृषभानु और माता का नाम कीर्ति था। राधा जी स्वंय लक्ष्मी स्वरूपा हैं। भगवान श्रीकृष्ण के लिए वृंदावन की गोपियों द्वारा किया गया प्रेम, सर्वोच्च प्रेम है। यह प्रेम, स्वार्थ की भावना एवं भौतिक लालसा से रहित है। गोपियां, जीवात्मा के भगवान के प्रति प्रेम की प्रतिमूर्ति हैं क्योंकि भगवान की प्रसन्नता ही उनके जीवन का एकमात्र लक्ष्य है। सभी गोपियों में सर्वश्रेष्ठ गोपी श्रीमती राधारानी है एवं सभी भक्तों के लिए आदर्श हैं।

राधा अष्टमी के दिन मंदिर में भगवान श्री राधा कृष्ण का दिव्य अलंकार किया गया । संपूर्ण मंदिर को पुष्पों से सुसज्जित किया गया। शाम 6:30 बजे से संध्या आरती एवं कीर्तन से उत्सव का आरंभ हुआ, जिसमें भगवान के नाम के दिव्य मंत्र उच्चारण से संपूर्ण वातावरण गुंजायमान हो गया। इसी समय भगवान श्री राधा कृष्ण का दिव्य अभिषेक किया गया। भगवान की महा आरती पश्चात दिव्य पालकी उत्सव का आयोजन हुआ । उस समय विभिन्न फूलों से आच्छादित रंगायमान परिसर अत्यंत रमणीय दिखाई पड़ता था।
अंत में सभी भक्तों को भगवान का प्रसाद वितरित किया गया।

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