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भोंगापाल बस्तर का एक
महत्वपूर्ण बौद्ध स्थलभोंगापाल बस्तर का एक
महत्वपूर्ण बौद्ध स्थल


  • (इतिहास के पन्नों से)

अनिल साखरे “पत्रकार
की कलम से ✍️

*बस्तर मे भोंगापाल  बौद्ध धर्म के महत्वपूर्ण  पुरातात्विक प्रमाण मिले हैं l भोंगापाल बिहड जंगल में स्थित एक प्राचीन स्थल है, यहां से प्राप्त बौद्द चेत्य और प्राचीन मंदिर पांचवी, छठवीं शताब्दी के नल काल के है यह चेत्य मंदिर एक ऊंचे चबूतरे पर बनाया गया है और पूर्वांभीमुखी है*

भोंगापल बुद्ध विहार छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले के परसगांव ब्लॉक में स्थित प्राचीन धरोहरों में से एक महत्वपूर्ण स्थल है l यह छत्तीसगढ़ के दूसरे सबसे बड़े बौद्ध विहार के रूप में विकसित हो रहा है महासमुंद सिरपुर के बाद l
खुदाई के पहले यहां एक विशाल बुद्ध प्रतिमा प्राप्त हुई थी वर्ष 1990- 91 में खुदाई के दौरान यहां चेत्तय गृह सामने आया 200 गज दूर ही सत्य मात्रकटीला जिसे रानी टोला के नाम से जाना जाता है जो प्राचीन होने के साथ-साथ खंडित अवस्था में थी l स्थानीय लोग इस बुद्ध मूर्ति को डोकरा बाबा और भोंगा पाल के नाम से पूजते थे l कुछ लोग इस तंत्र विद्या के देवता गांडा देव के नाम से भी संबोधित करते थे l
भोंगापाल में मिला यह चैत्य मंदिर ईटों से निर्मित है इसे छत्तीसगढ़ का पहला और एकमात्र चैत्य मंदिर माना जाता है जो इसे एक बेहद महत्वपूर्ण पुरातात्विक धरोहर बनता है l खुदाई के गोलाकार संरचनाओं दीवारों और कक्ष जैसे कमरों सहित प्राचीन संरचनाओं के संकेत मिले हैं l लगभग 2000 वर्ष पूर्व में बौद्ध स्थल की संभावना की और इशारा करते हैं यह माना जाता है कि भोंगापाल कभी बौद्ध भिक्षुओं का निवास स्थान रहा होगा l स्थानीय लोक कथाओं के अनुसार प्रेम मोह के उपाय रूप में युवाओं द्वारा प्रतिमा की खरोच कर उसके चूर्ण को प्रेम को आकर्षित करने के लिए प्रयोग में लाया जाता था जिससे प्रतिमा और अधिक क्षतिग्रस्त हो गई है l
निश्चित ही तब बस्तर में बौद्ध धर्म का बोलबाला रहा होगा पास के जेजोर, बोरी और गुंबा आसपास के गांव और उड़ीसा के कुछ क्षेत्रों में बौद्ध प्रतिमा और बौद्ध अवशेष प्राप्त हो रहे हैं और अभी भी खोज जारी है l
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा भोंगापाल बुद्ध मंदिर स्थल को धरोहर के रूप में घोषित किया गया है लेकिन देखभाल की कमी और पर्यावरणीय क्षरण इस धरोहर को खतरे में डाल रहे हैं l
1 जून 2025 को कोंडागांव में आयोजित भोंगापाल बुद्ध महोत्सव के दौरान बुद्ध शांति पार्क की स्थापना की योजना की घोषणा की गई है l जिसका उद्देश्य इस स्थल को पर्यटन एवं आध्यात्मिक केंद्र बनाना है l

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